अनकही
मैंने अनकही सुनी है सुनी है मैंने वो सारी बातें जो किसी ने मुझसे न कही है सहमी हुई धडकनों की आवाज़ छपक्ति पलकों के अंदाज़ तेज़ दौड़ती साँसों की हर बात इन सब में छुपे वो सारे राज़ हाँ मैंने अनकही सुनी है मुस्कुराहटों के तले दबी तड़पन बदलते सुलघते रिश्तों में पड़ती अड़चन बर्बादी की ओर बढ़ते कदम अंजाम से अनजान बेपरवाह उन सभी समझौतों को हाँ मैंने अनकही सुनी है ऊँची उड़ानों में डूबते अरमानों को बुरे वक़्त में बदलते इंसानों को दोस्ती में पड़ती दरारों का आगाज़ टूटे दिल में थमती हरकत मासूम आँखों ने जो पूछे तमाम उन सभी सवालों को हाँ मैंने अनकही सुनी है सुनी है मैंने वोह सारी बातें जो किसी ने मुझसे न कही है
Remember
Remember the time when we were WE Remember when would be together and could just BE Times when doing nothing together meant EVERYTHING Times when arguing was just a way of TALKING Remember saying what we meant and meaning what we SAID Remember never wishing for a lifetime but always FOREVER Times when making out meant way more than LOVEMAKING Times when we gave it all but nothing was really worth TAKING Remember when we could hear every thought without SAYING Remember feeling the pain without anyone HURTING Times of living in the moment and every moment worth a MEMORY Times of breathing easy around each other and making it easy to BREATHE Wonder why life feels like all of it was a LIFETIME AGO Wonder what came over us where did all the time GO Time perhaps to count our blessings and making the blessing COUNT Time to stop changing what we had and remembering to make that CHANGE
रिश्ता-ए-उम्मीद
उम्र भर निभे ऐसी ही दोस्ती हो कहाँ और किस किताब में लिखा है गरज़ और ग़ुरूर के बाटों के बीच हर रिश्ता कभी न कभी पिसा है कुछ कही तो अक्सर अनकही आदतों हरकतों का भी असर बड़ा है कहते एक दूसरे को लोग कम मगर ख़ुशहाल रिश्ते के आढ़े अरमान खड़ा है बुरी आदत है ये उम्मीद रखने की कमबख़्त कौन कभी इस पे खरा उतरा है आइने में खड़े शक्स को भी ज़रा टटोलो कौन सा वादा उसने भी कभी पूरा किया है