• Hindi Poetry | कविताएँ

    Saath (साथ)

    Chaos of Commitment
    Water Colour by Cathy Hegman
    जब मंज़िलें धुंदली हों 
    और जब रास्ते हो अनजाने 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब सासें फूलने लगे 
    और चलना हो नामुमकिन 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब हौंसले हो तंग 
    और जब हिम्मत न बन्धे 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब उम्मीदें जॉए बिखर 
    और निराशा ही हाथ लगे 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब जेबें हो खाली 
    और तेज़ भूक लगे 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब चिलचिलाती हो धुप 
    और कहीं छाँव न दिखे 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब सब दामन चुरा लें 
    और कोई मान न दे 
    क्या तुम साथ दोगे 
    
    जब सात वचन मैं लूँ  ये 
    और हाँ कह निभाऊँ उम्र भर उन्हें 
    क्या तुम साथ दोगे