• Hindi Poetry | कविताएँ

    Dil Chahta Hai (दिल चाहता है)

    इस दौड़ती थकाती ज़िंदगी से
    एक पल चुराना ये दिल चाहता है
    किसी भूले से पसंदीदा एक गीत के
    दो बोल गुनगुनाना ये दिल चाहता है

    बिन मतलब बंध जाते थे जो
    ऐसे मीत ये दिल चाहता है
    बिन मौसम बेइंतहा बरसती रहे जो
    ऐसी प्रीत ये दिल चाहता है

    ख़र्च अपने किसी शौक़ पे कर सकें
    वो फ़ुरसत ये दिल चाहता है
    चल पड़ें किसी रूमानी डगर पर
    ऐसी हिम्मत ये दिल चाहता है

    कथनी करनी में भेद ना हो जिनमें
    वो बोल बोलना ये दिल चाहता है
    मर्यादा जो मनसपूर्ण और सच्ची हो
    वो लेना-देना ये दिल चाहता है

    चाहत में जहाँ निजी स्वार्थ न हो
    वो दुनिया ये दिल चाहता है
    बिन माँगे पूरी करे जो सबकी दुआ
    ऐसा ख़ुदा ये दिल चाहता है
  • Hindi Poetry | कविताएँ

    आशाएँ

    लो आ गया जन्मदिन, आ गयी फिर एक सालगिरह
     हम इस गोले संग एक सौर्य परिक्रमा और कर आए
     कुछ साल पहले तक तो थे काले घने
     अब तो दाढ़ी के बाल भी पकने को आए
     उम्मीदें जो बचपन ने जवानी से की थी
     कुछ भूल ही गए, कुछ सच हुईं, कुछ निभी न निभाए
     दौर तो अच्छे बुरे जैसे तैसे सारे ही बीत गये
     हासिल तो वो है जो दोस्त सदा संग पाए
     आशाएँ जीवन से आज भी हैं समय अब चाहे जितना हो
     ज़रूरी ये नहीं के सारी पूर्ण हों, बस कोई कोशिश अधूरी न रह जाए
  • Hindi Poetry | कविताएँ

    सपना

    Building a dream!
    चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     ख़्वाबों के हसीन जहाँ के
     कुछ रंग तुम चुनो
     और कुछ मैं चुनूँ
     आसमान में रंग भरतें हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     छोटे से इक घोंसले के
     कुछ तिनके तुम जोड़ो
     और कुछ मैं जोड़ूँ
     आशियाँ अपना पिरोते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     प्यार भरे दिल की
     एक धड़कन तुम बनो
     एक धड़कन मैं बनूँ
     जीवन ताल बनते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     अपने प्रेम गीत के
     कुछ बोल तुम लिखो
     कुछ बोल मैं लिखूँ
     धुन नयी चुनते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं