• Hindi Poetry | कविताएँ

    आशाएँ

    लो आ गया जन्मदिन, आ गयी फिर एक सालगिरह
     हम इस गोले संग एक सौर्य परिक्रमा और कर आए
     कुछ साल पहले तक तो थे काले घने
     अब तो दाढ़ी के बाल भी पकने को आए
     उम्मीदें जो बचपन ने जवानी से की थी
     कुछ भूल ही गए, कुछ सच हुईं, कुछ निभी न निभाए
     दौर तो अच्छे बुरे जैसे तैसे सारे ही बीत गये
     हासिल तो वो है जो दोस्त सदा संग पाए
     आशाएँ जीवन से आज भी हैं समय अब चाहे जितना हो
     ज़रूरी ये नहीं के सारी पूर्ण हों, बस कोई कोशिश अधूरी न रह जाए
  • Hindi Poetry | कविताएँ

    सपना

    Building a dream!
    चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     ख़्वाबों के हसीन जहाँ के
     कुछ रंग तुम चुनो
     और कुछ मैं चुनूँ
     आसमान में रंग भरतें हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     छोटे से इक घोंसले के
     कुछ तिनके तुम जोड़ो
     और कुछ मैं जोड़ूँ
     आशियाँ अपना पिरोते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     प्यार भरे दिल की
     एक धड़कन तुम बनो
     एक धड़कन मैं बनूँ
     जीवन ताल बनते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं
    
     अपने प्रेम गीत के
     कुछ बोल तुम लिखो
     कुछ बोल मैं लिखूँ
     धुन नयी चुनते हैं
    
     चलो मिल कर एक सपना बुनते हैं