ड़ोर
उम्मीद की इक ड़ोर बांधे एक पतंग उड़ चली है कहते हैं लोग के अब की बार बदलाव की गर्म हवाएं पुरजोर चलीं हैं झूठ और हकीक़त का फैसला करने की तबीयत तो हर किसी में है कौन सच का है कातिल न-मालूम मुनसिब तो यहाँ सभी हैं सुर्र्खियों के पीछे भी एक नज़र लाज़िमी है गौर करें तो ड़ोर की दूसरी ओर हम सभी हैं अपने मुकद्दर के मालिक हम खुदी हैं
From A Distance
How well do you have to know one For you to like and admire them Isn’t it easy to love such special someones Simply from the tales people tell of them The smile on one’s face the tear in the eye The signs of their rushing memory are hard to miss Unstoppable emotions hard as one may try Flooding consciousness especially on days like this The good die young they always say Short lives that shone real real bright Personalities that stood out everyday Testaments unto themselves if one might Nostalgia provokes often with a sting Why they had to go and we had to stay Nonetheless there’s no telling of the joy they bring Each time you think of them more so on their special day
The Semal and The Storks
Each year come the Ides of March The Red Silk Cotton starts to bloom ‘Tis then that the waiting starts For the winged guests to arrive Somehow this cycle of nature Hast created for me a sense of normal Indicators that all’s well in the world The flocking birds and the blooming Semal This year too there was the anxious wait I wondered if, for the tree had bloomed late Woke up this morning and the cynic had died The flocking birds brought my hope alive
Since You’ve Been Gone
Since you’ve been gone
Been trying each day
To find the strength
Pick up the pieces
And somehow move on
Days run into days
Years begin to turn into years
Yes time has tried to be a friend
But the heartache won’t mend
There’s no easy way
I look around
I see the world I’ve built
The life I live
There’s an emptiness
Despite the happiness I found
So much has changed for me
Yet so much has not
My first birthday had you carrying me in your arms
And now my first one with you in my memory, my heart closer than you'll ever be
Maybe it’s not going to change
The way I feel
Guess it’s meant to be
The emptiness is you driving me
It’s destiny even if it’s strange
Since you’ve been gone
Keep trying each day
To make you my strength
Make meaning of these pieces
Put on a smile and brave onDrifting
Sometimes you are struck By a feeling that overwhelms A strange discomforting sense Of a total lack of control You are drifting The waters are calm You sense no turbulence Just an inexplicable fear Uneasy and unware You are still but sinking You seek happiness Peace and joy A good life You try maintain pace The ground beneath is shifting Get a grip You coax yourself Draw deep for strength Look around for motivation Believe there’s a silver lining Winds change direction Things fall into place You get dealt a good hand Hmmm you wonder if The tide is turning Green shoots around you Blue skies on the horizon You are in a better place It’s a new view Life has a new meaning The low felt really low Took away all you had You were tough though Took a couple on the chin The real deal is not loosing The high it may not remain Troubles they may visit again But one thing is for sure It’s the tussle in between That makes life worth living
बीते लम्हे
बीते लम्हे, लोग और दिन
लौट के वापस आते नहीं हैं
गुज़रते कारवाँ के हैं ये राही
सिर्फ़ अपने निशान छोड़ जाते हैं
टेढ़े मेढ़े हैं जीवन के रास्ते मगर
कई बार उसी मोड़ से जाते हैं
चलते क़दम जाने अनजाने
किसी मंज़र पे थम जाते हैं
यादों को कभी मलहम बना
तो कभी सदा कह के बुला लाते हैं
फिर एक बार कुछ पल के लिए ही सही
याद किसी के होने का एहसास दिलाती हैं
यादों के कारवाँ चलते हैं जब
निशानियों पे रास्ते फिर बन जाते हैं
बीते लम्हे, लोग और दिन
सब लौट आते हैंसहर
क्या एहम है जीने में हर ज़िन्दगी जब साथ मौत लाती है क्यों ढूँढे अलग अलग रास्ते जब मंज़िल एक बुलाती है क्या है ऐसा ख़ीज़ा में जो बहारों की याद सताती है क्यों गर्म ख़ुश्क हवाएँ भूली कोई ख़ुशबू साथ लातीं है भला क्या मर्ज़ है आख़िर रिश्तों का के हाज़िर को अनदेखा करते हैं जो बिछड़ गए कोई गर चले गए उनके लिए अश्क़ बहाते हैं हर आग़ाज़ और अंजाम के बीच एक कहानी आती है जो लफ़्ज़ों में बयान होती नहीं फ़क़त देखी दिखाई जाती है क्या हासिल है ग़म भरने में ये जान कर के ख़ुशी आती जाती है क्यों किसी शब के अँधेरे को ज़ाया कहें गुज़र के जब वो रौशन सहर लाती है
एक ऐसा यार
न पूछे क्यों न सोचे कभी दो बार लड़ जाए भिड़ जाए सुन के बस एक पुकार रब करे सबको मिले बस एक ऐसा यार खाए जो बड़ी क़समें उठाए जो नख़रे हज़ार निभाए सारी वो रस्में झेलकर भी सितम करे प्यार दुआ है संग सदा मिले बस एक ऐसा यार पूरी करे जो तलब कश हो या जाम मिले तैयार महूरत मान ले फ़रमाइश को न दिन देखे न देखे वार जब मिले तेरे सा मिले बस एक ऐसा यार
साया
लिखने की चाहत तो बहुत है जाने क्यों कलम साथ नहीं जज़्बात सियाही से लिखे लफ़्ज़ नहीं मेरे बेलगाम बहते अश्क़ बयां कर रहें हैं अभी तो बैठे थे फ़िलहाल ही लगता है पलट गयी दुनिया कैसे ये मालूम नहीं जाने वाले की आहट भी सुनी नहीं सर पे से अचानक साया हठ गया है वो जो ज़ुबान पे आ के लौट गयी वो बातें बाक़ी है अब कहने का मौक़ा कभी मिलेगा नहीं हाय वक़्त रहते क्यों कहा नहीं कुछ दिन से ये सोच सताती है अल्फ़ाज़ बुनता हूँ मगर उधड़ जाते हैं ख़यालों जितना उन में वज़न नहीं डर भी है ये विरासत कहीं खोए नहीं मगर यक़ीन-ए-पासबाँ भी मज़बूत है लिखने की चाहत तो बहुत है जाने क्यों कलम साथ नहीं जज़्बात सियाही से लिखे लफ़्ज़ नहीं मेरे बेलगाम बहते अश्क़ बयां कर रहें हैं
पहल
खुद से कुछ कम नाराज़ रहने लगा हूँ ऐब तो खूब गिन चुका खूबियाँ अपनी अब गिनने लगा हूँ मैं आजकल एक नयी सी धुन में लगा हूँ अपने ख्यालों को अल्फाजों में बुनने लगा हूँ मैं गैरों के नगमे गुनगुनाना छोड़ रहा हूँ अब बस अपने ही गीत लिखने चला हूँ मैं कुछ अपने से रंग तस्वीर में भरने लगा हूँ आम से अलग एक पहचान बनाने चला हूँ मैं अंजाम से बेफिक्र एक पहल करने चला हूँ अपने अन्दर की आवाज़ को ही अपना खुदा मानने लगा हूँ मैं खुद से कुछ कम नाराज़ रहने लगा हूँ