निश्चय

दूर भले ही हो मंज़िल
 कदम कदम बढ़ाना है
 पथ में थक जाए जो साथी
 हर दम साथ निभाना है

 मिलजुल के चलेंगे हम
 हमें अपना कल आज बनाना है
 
तूफ़ान भले ही हो प्रबल
 हमको तो दीप जलाना है
 उम्मीद से है हर दिल रोशन
 हमें ज्योत से ज्योत जगाना है

 मिलजुल के चलेंगे हम
 हमें अपना कल आज बनाना है

 कठिनाई चाहे हो अनेक
 जूझ के उन्हें हटाना है
 बादल चाहे हो घने
 बरस के तो छट जाना है

 मिलजुल के चलेंगे हम
 हमें अपना कल आज बनाना है

 थकना नहीं है रुकना नहीं है
 सपनों को सच कर के दिखाना है
 ख़ुशियों से भरा होगा हर घर
 भारत ने अब यही ठाना है

 मिलजुल के चलेंगे हम
 हमें अपना कल आज बनाना है