फिर मिलते हैं
कोई तो है जहाँ जिधर तू आबाद है इधर तो तेरी हँसी तेरी बातें तेरी याद है मिलते होंगे वहाँ पर भी सालगिरह के मुबारक तराने अपने भी मिल गए होंगे दोस्त कुछ नए पुराने जितनी हमको है आती तुम्हें भी तो आती होगी फ़िलहाल तो इतना यक़ीन है तुम से फिर मुलाक़ात होगी