क्या दोस्ती की भी expiry date होती है
या उम्र भर साथ की guarantee होती है
कल की नोंक झोंक आज जाने क्यों दिल दुखाने लगती है
अचानक कोई भूली बात जबरन आ आ के सताने लगती है
ना मालूम क्यों उम्मीदों का traffic one way हो जाता है
कभी हँसते थे संग जिसके वो क्यों रूला रूला के जाता है
जो चैन देता था कल आज वही चुराता है
शायद हर दोस्ती में ये दौर भी आता है
ख़िज़ा की रुत होगी ये कभी न कभी तो बदल जानी है
बहार जब तलक फिर न आए तब तक हर हाल निभानी है
कहाँ दोस्ती की कोई expiry date होती है
यहाँ तो उम्र भर साथ की guarantee होती है