किसे पता था
किसे पता था के एक दिन ये चेहरा मुझ से यूँ जुड़ जायेगा अपरिचित अनजान वो मेरी पहचान बन जायेगा किसे पता था ये मौक़ा भी आयेगा परिचय कोई कारवायेगा पहचाने उस चेहरे को एक नाम वो दिलायेगा किसे पता था जान पहचान एक दिन दोस्ती भी बन जायेगी पटरियाँ साथ साथ चलते इतनी दूर आ जायेंगी किसे पता था रेल के उन डिब्बों में बैठ आते जाते बतियाते दिलों की डोर यूँ बंध जायेगी किसे पता था सात क़दम चल सात वचन ले कर हमसफ़र जीवन के हम दोनों बन जायेंगे किसे पता था